Amar Gayak Rafi Sahab ki Yaad Mein (in Hindi)
By Onika Setia
तेरी याद
बुझ गए चिराग-ऐ-दिल , जब तेरी नज़र बुझ गयी .
अँधेरे से बढ गए हैं जिंदगानी में अब .
फुल चमन के मुरझा गए तेरा चेहरा जो मुरझाया ,
बहार की गैर -मौजूदगी में खिज़ा का डेरा है अब.
तेरी आवाज़ में जिंदगी की रवानी थी ,रौनक थी .
जिंदा दिली ने हमसे मुंह मोड़ा है अब.
खाक में मिल गयी खाक ,और हम भी खाक ,
बहलाना है खुद को फिर भी तेरी यादों से अब.
हमारी कलम ने जब भी रचा कोई शाहकार ,
वोह ताज़ा ग़ज़ल-ओ-शेर बने तुम.
जिसे देख हमने जब भी खुद को संवारा ,
एक यकीं से भरा आईना बने तुम . ‘
हम जब भी राहों में लड़ खड़ा कर गिरने लगे,
हमारी राहों का चिराग बने तुम .
इंसानी रिश्तों से बेज़ार होकर हुए जब तनहा ,
एक अपनापन सा एहसास लिए पुकार उठे तुम.
मेरी हर राह होकर गुज़रती है तेरी ही राह से,
कहती है मेरी रूह ,शायद मेरी मंजिल हो तुम.
मैं क्या बयां करूँ अफसाना अपने दर्द का,
ज़ज्बात मेरे लफ़्ज़ों में तो ना ढल सके,
मगर ऐसे में मेरी जुबां बने सदा तुम.
assalamualikum, Rafi shab tum sa nahu theka
33 sall kujargaya app ki yaad nahi kujaari
word nahi app k liye thaarif karne thuah meri hai app ko sadha
संगीतकी दुनियाके तानसेनो तथा कानसेनो,सदाबहार स्वर के धनी मोहम्मद रफ़ी साहबके सम्मानमे मेरी संगीतमय भावनाओका गुलदस्ता पेश करता हूँ ….ऐ रफ़ी ३२ साल पहले तेरी रुखसत पर आंसू निकल पड़े थे ,तेरी ख़ामोशी दिल चीर गयी थी,लेकिन यह सोचकर ऊपरवालेसे न कोई गिला किया था न कोई शिकवा ..के शायद उसे भी तेरी याद सताती होगी, ..उसकी संगीत महफ़िल शायद तेरे बिन अधूरी होगी ..यही सोचकर बचे हुए आंसू हम पी गए थे …ऐ रफ़ी तेरे मुहब्बतभरे ,दर्दभरे तथा विविधतापूर्ण अनगिनत नगमोने वो सुकून हमें दिया जो जन्नत में भी नसीब नहीं होगा …सलाम उन मौसिकारोंको जो नौशाद ,नय्यर,शंकर-जयकिशन ,बर्मन,रोशन ,मदनमोहन और न जाने कितनेही तुझमे समाते गए . तुझमे छिपे स्वर कोहिनूर को तराशकर उजागर करते गए …यहांतक के खुद कोहिनूरने तेरी इन्द्रधनुष जैसी रंगीन छटाओं वाली आवाज पे सजदे किये… न जाने कितनेही कपूर,आनंद , कितनेही कुमार,..कितनेही इंद्र ,कितनेही अदाकार, तेरे स्वर में घुलते गए …ऐ रफ़ी नींदमें भी नहीं भूल सकता कोई तेरी जादूभरी आवाज,दिल छू लेनेवाले तेरे हजारो नग्मे जिन्होंने मूर्दोंको भी जागनेपर मजबूर किया ..दोस्तों परमात्मासे दिलकी गहराईसे दरख्वास्त है ..के रफ़ी को फिरसे हमें लौटादे ..लेकिन तुम गए ही कहाँ हो प्यारे दोस्त ,तुम तो हम सब के र्हुदयमे विराजमान हो परमात्मा के साथ …सच कहा था रफ़ी तूने ..वक्त मेरे गीतोंका खजाना ढूंढेगा ..मुझको मेरे बाद जमाना ढूंढेगा …!…… विजय बावडेकर …नागपुर
dear onika setia ji,
god bless u,
it is my pleasure to read such beautiful lines by you and bhupender ji, jeete raho khush raho, shabad nahi bayaan karne ko mere pass.
31st july ko rafi sahab ki mazaar par gaya tha shraddha suman arpit karne harbaar ki tarah.
regards
vinod mehru
09768245368
My tribute to Rafi Sahab,
रफ़ी दी ग्रेट
तू ही वो अज़ीम है, तू ही वो अज़ीम है
जिसकी आवाज़ हर दिल में मुद्दत से बसी है
आज भी रश्क करता है तेरी आवाज़ पे फलक
आज भी तेरी आवाज़ पे झूमती ये ज़मीं है
जितनी बार सुनो मुँह से निकलती है वाह
बेमिसाल तेरी आवाज़ की वो जादूगरी है
ज़माना गुज़रा रफ़ी तुमको इस जहाँ से गये
बढ़ती ही जाती तेरे चाहने वालों से ज़मीं है
भूपेंद्र सिंह कज़ला
priye mitron,honsla afzai ka shukriya.
We love u Rafi Sahab.miss u Rafi Sahab.