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Rafi ki Bhakti ras dhara (in Hindi)

By Vijay Bavdekar


रफीकी भक्तिरसधारा,

‘मन तडपत हरी दर्शन को आज ‘(बैजू बावरा),’बड़ी देर भई बड़ी देर भई कब लोगे खबर मोरे राम ‘(बसंत बहार)जैसे ईश्वर के प्रति समर्पण भाव व्यक्त करनेवाले भक्तिगीत हम बरसोंसे रफ़ी साहबके अदभुत स्वरके भक्ति छटा के आविष्कार स्वरुप सुनते आ रहे है। रफ़ी साहब के गाये हुए भक्तिगीतोंमे ईश्वर की अनुभूति दिलानेका सामर्थ्य है यह एक सम्पूर्ण सत्य है । मेरे इस विधान के पुष्टीकरण में उन्होने १ ९ ६ ० के पहले गाये हुए कुछ चुनिन्दा भक्ती गीतोंका मै यहाँ जिक्र करता हूँ जो हमेशा सुनाई नहीं देते तथा जो हम सुन चुके है ।

१ ९ ४ ८ की फिल्म रामभक्त हनुमान के चार गीत मै यहाँ प्रस्तुत करता हूँ ।

१ . मधुर राम का नाम जगमे मधुर राम का नाम
२. ओ जगके बसानेवाले मेरे मन की कुटिया बसावो
३. भजलो राम राम सियाराम .
४. जय रघुनन्दन जय सियाराम जानकी वल्लभ सीताराम .

यह चारों गीत भक्तिभाव से ओतप्रोत है जो रामभक्त हनुमान के किरदार पर बखूबी फिल्माए गए है । इस फिल्म के गीत प. इंद्रा तथा डी बी मिश्र के है तथा संगीत एस.एन.त्रिपाठी का है जिन्होंने हनुमान जी का रोल अदा किया है।

सन १ ९ ४ ९ मॆ ‘संत जनाबाई ‘नाम कि फिल्म रिलीज हुई थी । संत जनाबाई को पूरा महाराष्ट्र जानता है । इस फिल्म को संगीत दिया है सुधीर फडकेजीने जो सुप्रसिद्ध मराठी गायक एवं संगीतकार थे ।फ़िल्म के गीत लिखे ही पं नरेंद्र शर्माजीने। इस फिल्ममे रफी साहबने ५ गीत गये है उनमेसे ३ प्रस्तुत है ॥ । ।

१. भक्ती की गागरी विठ्ठल के प्रीतगीत गाते चली
२. हरी पार लगावन हारे है
३.भज मन कमलनयन कमलेश

संगीतकार मदन मोहन तथा रफी की जोडीने दिल छू लेनेवले भक्ती गीत दिये है यह सच हम भूल नही सकते ।

१. मत भूल अरे इन्सान तेरी नेकी बदी नाही उससे छिपि -मस्ताना -१ ९ ५ ४ गीत- राजेंद्र कृष्ण
२.ओ माटी के पुतले इतना न कर तू गुमान -शेरू १ ९ ५ ७ गीत कैफ इर्फांनी
३. सोचने को लाख बाते सोचे इन्सान –बाप बेटे -१ ९ ५ ९ गीत-राजेंद्र कृष्ण
४. बता मुझे ओ जहाँ के मालिक ये क्या नज़ारे दिखा रहा है -एक शोला -१ ९ ५ ८ गीत – मजरूह संगीतकार एन. दत्ता एवं रफी …

सन १९ ५ ६ की फिल्म आस्तिक के दो गीत

१. नयन तुम्हारे दरश को तरसे …है तुझसे प्यार सुनले पुकार ओ दुनिया वाले
२. भगवान तेरा इन्सान देखले -गीत एस पी कल्ला |

‘दुनिया ना भाये मोहे अब तो बुलाले चरनोमे ‘-बसंत बहार १ ९ ५ ६ -शंकर जयकिशन -शैलेन्द्र की एक अद्वितीय रचना जिसमे रफीका स्वर ईश्वर के प्रति सम्पूर्ण समर्पण व्यक्त करता है ।

१ ९ ५ ५ की फिल्म शिवभक्त — तो शिवशंकर मिल गए -गीत गोपालसिंह नेपाली -संगीत चित्रगुप्त १ ९ ५ ४ की फिल्म तुलसीदास -गीत -गी एस नेपाली -संगीत चित्रगुप्त

१. बंधो रघुपते करुणा निधान
२. हे महादेव मेरी लाज रहे
३. कहाँ छुपे हो राजा राम
४. मुझे अपनी शरण में लेलो राम

१ ९ ५ ७ की फिल्म उस्ताद – जान सके तो जान -गीत जान निसार अख्तर -संगीत ओ पी नय्यर
१ ९ ५ ७ -आना है तो आ राह में -नया दौर -गीत साहिर -संगीत ओ पी नय्यर संगीतकार खैयाम साहबने रफ़ी साहब की आवाज में बेहतरीन कृष्ण भजन बांधे है

१. मोरे श्याम पल पल मोरे मुखसे निकले
२. श्यामसे नेहा लगाय
३. तेरे भरोसे हे नंदलाला
४. मै ग्वालो रखवालो मैया
५. पाँव पडू तोरे श्याम
६. सुनियो अर्ज हमारी -गीत मधुकर राजस्थानी ।

इन सब गीतोंमे रफ़ी साहब, संगीतकार इनके अलावा गीतकारोंका योगदान बहुत ही महत्व पूर्ण है । उन्होने अपनी आध्यात्मिक प्रतिभा का अनोखा परिचय इन गीतोद्वारा दिया है , जैसे ”आना है तो आ”(नया दौर) इस गीतके तीन अन्तरोंमे साहिर साहब ने मनुष्य के जीवनकी कृतार्थता क्या है यह सत्य उजागर किया है ।

मित्रों ,इसके अलावा कई भक्तिगीत ऐसे है जिन्हें खोजकर उनका जिक्र यहाँ करना संभव नहीं है । दिलमे बसी एक बात कहता हूँ — जाते जाते रफ़ी साहब सच बोल गए थे ,” वक्त मेरे गीतोंका खजाना ढूंढेगा ,मुझको मेरे बाद जमाना ढूंढेगा ” ।


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11 Blog Comments to “Rafi ki Bhakti ras dhara (in Hindi)”

  1. Taseer says:

    Sukh ke sab sathi is one the best and soothing bhajan which gives peace while listening. I never get tired playing this wonderful bhajan repeatedly. Filmed on Dilip Saab plus Rafi saab’s eternal voice.

  2. Ashok says:

    Dear Mr.Vijay,

    Beautifully written.
    Congratulations…..

    There are many popular bhajans which teaches a human being how to live in the world.

    To name a few….

    1) Sukh ke sab saathi
    2) Ishwar Allah tere naam
    3) Samay ka khel nirala

    Ashok

  3. Sarwat Baig says:

    http://voices.halabol.com/2013/05/22/playback-golden-voice

    Thank you halabol for sharing the review of My Abba: A Memoir on Twitter and Rafi Sahib’s blog.

    Is this book easily available in India? Will somebody please tell us what kind of a response this book has received? I hope people who have read it will share their
    experiences like halabol.

  4. vijay bavdekar says:

    ThanksMr.pandya,Baig ,Syed Sayeed Khundmiry, Birendr Sing Bisht ,Onika Setiya and friends who liked my article,thanks for your response.whenever i try to sing rafisahab’s bhajans or devotional songs like ”mujhe apni sharan me lelo Ram”or “aana hai to aa rahme …Bhagwan ke ghar der hai andher nahi hai” i always experience that my “Man,Buddhi and Hriday”are full of divine feelings.I am not joking or exageratting,”mere aankhonse aansu nikal padate hai ”you can understand my freiends.Since childhood i am listening Rafisaheb’s songs,i liked Yahoo,khoya khoya chand etc in earlier stages of my life,now i am 63 and naturally i am switching over to spirituality that too with the help of Rafi Saheb’s divine voice.Songs like “Mujhe apni sharanme lelo Ram”or “tere bharose he Nandlala “inspire me very much.

  5. tushar pandya says:

    Dear Mr.Vijay,
    Truly no one has sung bhajans like Rafisaheb and no body will ever sing.A greatest singer and greatest human being.Totally irreplacable.Rafisaheb,your absence is felt every minute.
    Tushar

  6. Sarwat Baig says:

    I meant Hindi not history. I would appreciate a translation or the article in Roman script please.

  7. Sarwat Baig says:

    Thank you for bringing back the blog comments otherwise i was about to create a
    Facebook account just to enter amazing world of Rafi Sahib’s fans. I envy those who can read history.

  8. Syed Sayeed Khundmiry says:

    Dear Mr. Vijay,
    Your interest and tapasya towards the Bhajans are very strong….You havedisplayed the article-bhajans which Rafi Sahab have sung is really immortal even today and ever-after…The good singers may be not the true human-being…but a True Human-Being is a True-Singer…like Rafi Sahab….Really once in a 1000 centuries such humans born to spread love, love & love….A Huge Salute to Rafi-Sahab.

  9. Bilkul satya kaha vijay sahab. Rafi saab dharma, majhab se bahut upar the. hindu dharma ke sabse jyada bhakti geet rafi sahab ne hi gaaye hai wo bhi itni shraddha aur tanmayata ke saath ki mera biswas hai ki ein bhakti geeton ko gaate huye rafi saab ko jaroor uss bhagwan yaa khuda ke darshan jaroor huye honge. Rafi saab jaise insaan iss duniya me hazaron saal me sirf ek baar aate hain pyaar, bhaichara aur insaaniyat ka paath padhane ke liye. Rafi saab jindabad. We all love you rafi saab.
    Regard, Birendra Singh Bisht

  10. Onika Setia says:

    laajawaab ,be misaal article ke liye shukriya.

  11. SalRafi says:

    English translation please.



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