Aa Rafi Phir Aa
By Kamlesh Narang
This blog was published
on Wednesday, December 24th, 2014 at 1:29 am and Last modified on Wednesday, December 24th, 2014 at 11:32 am
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HAPPY 2015
Satya kaha narang saab. Kya kahoon mujhe to sabd hee nahi mil rahe hain.
Bas yahi dua maangta hoon ki hamaare rafi saab hamesha ham sab ke dilon me yuhin raaj karen jab tak ye duniya rahe.
Rafi saab ko janmadin ki hardik shubhkamnayen.
Dhanyawad, Birendra Singh Bisht
ऐ मोहम्मद रफी…तेरी रुखसत पे आँखोंसे आंसू निकल पड़े थे..तेरी खामोशी दिल को चीर गयी थी…लेकिन ऊपरवालेसे ना कोई गिला …ना कोई शिकवा था …ऐ रफी.तेरे प्यार भरे,दर्द भरे नग्मोने वो सुकून दिया ..जो जन्नत मे भी नसीब नहीं होगा..सलाम उन मौसिकारोंको जो नौशाद.शंकर-जयकिशन,नय्यर,मदनमोहन,रोशन,बर्मन और ना जाने कितने ही तुझमे समाते गये,तुझमे छिपे कोहिनूर को तराशते गये,यहाँ तक के खुद कोहिनूर ने तेरी आवाज के नूरपे सजदे किये …ना जाने ही कितने कुमार,.कितने कपूर,.कितने आनंद,कितने इन्द्र,तेरी आवाज लेकर मशहूर हुए,ऐ रफी ..भूलकर भी नहीं भूल सकता कोई तेरी जादूभरी आवाज,तेरे इन्द्रधनुषी नग्मे जिन्होने मुर्दोंको भी जागने पर मजबूर किया ..दोस्तों…ऊपरवालेसे मेरी दरख्वास्त है ,के वो रफीको फिरसे हमे लौटादे…..लेकिन तुम गये ही कहाँ हो दोस्त…तुम तो हमारे ही र्हुदय मे बसे हुए हो ..जैसे एक भक्त के र्हुदय मे परमात्मा ..सच कहा था रफी तूने…”वक्त मेरे गीतोंका खजाना ढूँढेगा …मुझको मेरे बाद जमाना ढूँढेगा ”